क्या कॉफी और चाय पीने से बच्चे का रंग हो जाता है काला?
हम सब जानते हैं कि प्रेगनेंसी का समय जो होता है, वह बहुत ही ज्यादा नाजुक और बहुत ही खास समय होता है। उस समय एक मां अपने आप का बहुत ही ज्यादा ख्याल रखती है क्योंकि उसके हर एक हरकत और हर एक आदत जो है वह बच्चे पर खास असर कर सकती है।
प्रेगनेंसी के दौरान महिला को बहुत तरीके की हिदायत दी जाती है डॉक्टरों द्वारा और परिवार के सदस्य द्वारा कि किस तरीके से होने रहना है किस तरीके से उन्हें खाना है और क्या-क्या चीजें उन्हें अपने खानपान में शामिल करना है जो कि बच्चे और उनके स्वास्थ्य के लिए बहुत ही ज्यादा लाभकारी है।
और आपको बता दें कि समय के साथ हर एक महिला अपने बच्चे को लेकर बहुत ही ज्यादा सतर्क रहती है वह ऐसी कोई भी हरकत नहीं करना चाहती है जिससे कि उसके होने वाले बच्चे पर किसी भी चीज का असर पड़े।
हमारी समाज में बहुत तरीके के मीथ हैं और उन मिथ को बहुत से लोग मानते हैं और बहुत से लोग नहीं मानते हैं यानी उसे और स्वीकार करते हैं। तो आइए जानते हैं आज प्रेगनेंसी से जुड़े एक और मिथ के बारे में कि आखिरकार यह कितने हद तक सच है और कितने हद तक झूठ।
तो आज इस आर्टिकल में हम बात करते हैं, कि आखिरकार किस तरीके से यह मिथ बच्चे के ऊपर कितना ज्यादा इफेक्ट कर सकता है और कितना ज्यादा नहीं और वह मिथ कोई और नहीं है वह है कि चाय और कॉफी से क्या बच्चे के कलर में कोई बदलाव होने की संभावना है?
आपको बता दें तो ऐसे कोई भी मिथ की कोई संभावना नहीं है और ऐसे कोई भी सच्चाई नहीं है और कोई भी ऐसा वैज्ञानिक तथ्य नहीं है जो कि यह साबित कर सके कि चाय और कॉफी पीने से बच्चे के कलर में कोई बदलाव होने की संभावना है । बच्चे का रंग होना, उसके माता-पिता से जो रंग उसे मिलती है जेनेटिकली वही रंग उससे के साथ बाहर भी आता है। इससे उसके मां का चाय और कॉफी का सेवन करने से कोई नाता नहीं है।
इसलिए कृपया करके अगर आप भी किसी ऐसे ही मिथ को लेकर परेशान हैं, और दुविधा में हैं तो अपनी इस दुविधा को बिल्कुल अपने आप से दूर कर दीजिए क्योंकि ऐसा कोई भी वैज्ञानिक और विज्ञान की तरफ से ऐसी कोई भी खोज नहीं की गई है कि जिससे कि यह कहा जाए कि बच्चे का रंग चाय और कॉफी पीने की वजह से बदलने की संभावना है। रंगों की समस्या हमेशा मां-बाप की वजह से होती है उसका समस्या खाने-पीने की चीजों से नहीं है।
बहुत लोग ऐसा कहते हैं कि आप दूध सा बना हुआ डेरी प्रोडक्ट खाएं, जिससे कि बच्चा जो हो वह स्वस्थ और गोरे रंग का हो लेकिन ऐसा कोई भी तर्क नहीं है जो इस चीजों को सही साबित कर सके क्योंकि बच्चे का रंग जो होता है वह मां बाप के रंग से ही निकल कर आता है।