महिलाओं में एचआईवी (HIV)के क्या लक्षण है? इसके इलाज क्या क्या है?
हम सब जानते हैं कि एचआईवी एक ऐसी खतरनाक बीमारी है जो कि लोगों की जिंदगी तबाह कर देती है और जो भी इस तबाही के कहर में सम आता है वह कभी भी इस कहर से बाहर नहीं निकल सकता है।
HIV का फ़ुल फ़ार्म ह्यूमन इमुनोडेफिशियेन्सी वायरस (Human Immunodeficiency virus) होता है।
इसलिए हमें इसके लक्षणों को शुरुआती दिनों में ही पहचान कर इसको ठीक करने की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए लेकिन बहुत से लोग इस बीमारी को शुरुआती दिनों में नजरअंदाज करते हैं और बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते हैं और आगे जाकर यह एक बहुत बड़ा रूप ले लेता है जो कि लोगों की जिंदगी को खत्म कर देता है ।
आपको बता दें , तो एचआईवी के लक्षण एक कॉमन फ्लू और कॉमन कोल्ड की तरह होते हैं। आपको बता दें, तो महिलाओं में मर्दों के मुकाबले एचआईवी के लक्षण बिलकुल ही विपरीत होते हैं।
तो आइए जानते हैं कि आखिरकार एचआईवी के कौन से मुख्य लक्षण है इससे आप पहचान कर उसका इलाज जल्द से जल्द कर सकते हैं।
बहुत नींद आना।
वैसे तो नींद हम जब शारीरिक रूप से कमजोर होते हैं या हमारे शरीर में किसी चीज की कमी होती है तो वैसे भी हमें नींद बहुत ही ज्यादा आती है हमारे शरीर पर आलस छाया रहता है। आपको बता दें एचआईवी का भी एक मुख्य लक्षण है जो कि है बहुत ही ज्यादा नींद आना। इसलिए महिलाएं खास करके ध्यान दें अगर उन्हें बहुत ही ज्यादा नींद आ रही है तो कृपया करके आप अपने शारीरिक रोगो का जल्द से जल्द जांच करें।
मासिक चक्र में देरी होना।
आपको बता दें तो जिन महिलाओं को एचआईवी के लक्षण होते हैं तो एचआईवी के लक्षण मासिक चक्र में भी दिखाई देते हैं मासिक चक्र का देरी से आना या अत्यधिक होना और समय पर रुक रुक कर होना भी आपको एचआईवी होने का संकेत देता है , तो कृपया करके जभी भी आपके साथ ऐसी कुछ घटना घटे तो इन चीजों पर खास करके गौर फरमाएं और जल्द से जल्द डॉक्टर की से मुलाकात करें।
लिंफ नोड में बदलाव।
आपकी जानकारी के लिए बता दें, लिंफ नोड्स गर्दन में सिर के पीछे, कमर में और आर्मपिट्स में होते हैं। ये नोड्स इम्यून सिस्टम का हिस्सा होते हैं और इसमें इम्यून सेल्स स्टोर रहती हैं। HIV वायरस के अटैक से इम्यूनिटी सिस्टम प्रभावित होता है जिससे कि इस ग्लैंड में सूजन हो जाती है। अगर आप अपनी लिंफ नोड में किसी तरह की सूजन या बदलाव देखती हैं तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं।
आपको बता दे तो, एचआईवी का इलाज भी होता है तो अब हम बात करेंगे कि आखिरकार इसके इलाज क्या-क्या हो सकते हैं?
आपकी जानकारी के लिए बता दे तो, एचआईवी में बोन मैरो से स्टेम सेल्स को बोन मैरो से निकाला जाता है। इसके बाद वायरस को जीन एडिटिंग के जरिए निकाला जाता है। फिर स्टेम सेल्स को वापस ट्रांसफ्यूज किया जाता है। अमेरिका के नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ड्रग्स अब्यूज में हुए परीक्षण में पहले चूहों को एचआईवी संक्रमित किया गया।
इसके बाद उनके बोन मैरो को निकाल लिया गया। इसके बाद CRISPR के नाम से जानी जाने वाली नई जीन टेक्नॉलजी के जरिये वैज्ञानिकों ने स्टेम सेल्स से एचआईवी के डीएनए को हटा दिया। इसके बाद स्वस्थ बोन मैरो को उन चूहों में ट्रांसफ्यूज कर दिया गया।