Dhirendra Shastri: पं. धीरेन्द्र शास्त्री के लिऐ बड़ सकती हैं मुस्किले, कोर्ट में परिवाद पेश जानिए पूरी डिटेल
एडवोकेट ने बागेश्वर धाम प्रमुख पंडित धीरेन्द्र शास्त्री पर लगाए भावनाएं आहत करने के आरोप...

Dhirendra Shastri: पं. धीरेन्द्र शास्त्री के लिऐ बड़ सकती हैं मुस्किले, कोर्ट में परिवाद पेश जानिए पूरी डिटेल ग्वालियर: बागेश्वर धाम प्रमुख पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। पंडित धीरेन्द्र शास्त्री के खिलाफ ग्वालियर कोर्ट में एक परिवाद पेश किया गया है जिसमें उन पर अपने प्रवचनों में कलचुरी समाज के आराध्य देव भगवान सहस्त्रबाहु जिन्हें सहस्त्रबाहु अर्जुन कहा जाता है उनके खिलाफ टिप्पणी करने का है। ये परिवाद एक एडवोकेट ने दायर किया है। जिस पर एक जुलाई को सुनवाई होगी। बता दें कि इसी मामले में धीरेन्द्र शास्त्री को पूर्व में 9 मई को एक नोटिस भी भेजा गया था।
Dhirendra Shastri: पं. धीरेन्द्र शास्त्री के लिऐ बड़ सकती हैं मुस्किले, कोर्ट में परिवाद पेश जानिए पूरी डिटेल
बढ़ सकती हैं पंडित धीरेन्द्र शास्त्री की मुश्किलें
एडवोकेट अनूप शिवहरे की ओर से कोर्ट में जो परिवाद पेश किया गया है उसमें कहा गया है कि सोशल मीडिया पर पंडित धीरेंद्र शास्त्री की ओर से एक वीडयो अपलोड किया गया है जिसमें वो कलचुरी समाज के आराध्य देव भगवान सहस्त्रबाहु को अत्याचारी, बलात्कारी, और दुष्ट बता रहे हैं। इससे कलचुरी समाज के प्रत्येक व्यक्ति की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं और पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने आराध्य भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन के विषय में अपमानित करने वाले शब्दों का उपयोग किया है।
Dhirendra Shastri: पं. धीरेन्द्र शास्त्री के लिऐ बड़ सकती हैं मुस्किले, कोर्ट में परिवाद पेश जानिए पूरी डिटेल
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बवाल के बाद दी थी सफाई
बता दें कि कुछ दिन पहले पंडित धीरेन्द्र शास्त्री के इस वीडियो को लेकर काफी बवाल हुआ था और बवाल बढ़ने पर पं. धीरेंद्र शास्त्री ने इसे लेकर सफाई भी दी थी और खेद भी व्यक्त किया था। तब बागेश्वर धाम सरकार के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया था, जिसमें धीरेंद्र शास्त्री ने लिखा था कि विगत कुछ दिनों से एक विषय संज्ञान में आया है एक चर्चा के मध्य में मेरे द्वारा भगवान परशुरामजी एवं महाराज सहस्त्रबाहू अर्जुनजी के मध्य हुए युद्ध के विषय में जो भी कहा गया है वह हमारे पवित्र हिन्दू शास्त्रों में वर्णित आधार पर कहा गया है। हमारा उद्देश्य किसी भी समाज अथवा वर्ग की भावनाओं को आहत करने का नही था न ही कभी होगा, क्योंकि हम तो सदैव सनातन की एकता के पक्षधर रहे हैं। फिर भी यदि हमारे किसी शब्द से किसी की भावना आहत हुई हो तो इसका हमें खेद है। हम सब हिन्दू एक हैं। एक रहेंगे। हमारी एकता ही हमारी शक्ति है।’