कान बहने एवं दर्द होने के कारण।

जीवन में कभी ना कभी हम इस कान बहने दर्द से जरूर गुजरते हैं चाहे वह बचपन में हो ,चाहे वह बुढ़ापे में हो , चाहे वह जवानी में कान दर्द के दर्द से हर एक इंसान जरूर अपने जीवन में गुजरता है।

और यह एक ऐसा दर्द होता है जो कि आपको रुला करके रख देता है जिसकी तड़प में ना तो आप अच्छे से सो सकते हैं, ना तो आप अच्छे से खा सकते हैं, और नहीं आप मुस्कुरा सकते हैं।

कान बहने एवं दर्द होने के कारण।
कान बहने एवं दर्द होने के कारण।

सबसे पहले जानते हैं कि कान बहना क्या होता है?

कान बहने का मतलब यह होता है कि जब आपके कानों में एक रिसाव सा बन जाए यानी एक गिला सा पदार्थ बन जाए तब उसको कान का बहना कहते हैं।
अगर बात करें कि इसको मेडिकल भाषा में क्या कहते हैं तो इसको मेडिकल भाषा में ओटोरिया कहते हैं।

आपको बता दें तो हर मानव के कान में एक वैक्स होती है जिस बॉक्स का काम होता है कि आपके कान में धूल, गंदगी जमा ना हो पाए और आसानी से घुस नहीं पाए।

तो अब हम बातें करेंगे कि आखिरकार कान बहने के कितने प्रकार होते हैं यानी किस- किस तरीके के कान बहते हैं-़

आपका बता दे तो पहला कान बहने का किस्म होता है पस या धुंधला द्वव। इस स्थिति में आपके कान में 10 परसेंट बैक्टीरियल इनफेक्शन होने की वजह से दर्द होता है।

दूसरा होता है कान की ट्यूब से द्रव का रिसाव कान के संक्रमण में अक्सर बच्चों में वेंटिलेशन ट्यूब डाली जाती है। यह ट्यूब मध्यम कांस्य तरल पदार्थ निकालकर शूषक होने में मदद करता है।

कान बहने के क्या बचाव हो सकते हैं?

अगर आप अपने घर वालों और अपने बच्चों को सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो उनको बीमार लोगों से और संक्रमण से काफी दूर रखें तभी जाकर उनका कान बहने का दिक्कत कम होगा।

आपको एक महत्वपूर्ण जानकारी बता दे तो स्तनपान के दौरान बच्चों को कान संक्रमण से काफी ज्यादा मुक्ति मिलती है क्योंकि वह मां का दूध पीते हैं और उस मां के दूध से उन्हें एंटीबॉडी मिलता है।

साथी अगर आपको तैराकी करने का शौक है या आप पानी में तैरना जानते हैं , तो जब भी भी आप पानी से बाहर आए तो कृपया करके अपने कानों को अच्छी तरीके से सुखा लें और पानी को बाहर के दिशा से निकाल ले नहीं तो, उसी वजह से आपके कानों में आगे चलकर भविष्य में दर्द और रिसाव पैदा हो सकती है।