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ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए सरकार देगी 1 लाख 20 हजार रुपए प्रति एकड़ का अनुदान, यहाँ करें आवेदन

किसानों को ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए अनुदान

देश में किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार किसानों को परम्परागत खेती छोड़ उद्यानिकी एवं मसाला आदि फसलों की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए सरकार द्वारा फलों के बाग लगाने के लिए भारी सब्सिडी भी दी जा रही है। इस कड़ी में हरियाणा सरकार राज्य के किसानों को विभिन्न फलों के बाग लगाने के लिए अनुदान देने जा रही है। योजना के तहत बेर, चीकू, लीची, आँवला, आड़ूँ, नाशपाती, अमरूद, आम, नींबू वर्गीय फल, अनार, अलूचा, अंगूर, पपीता, ड्रैगन फ़्रूट आदि फलों को शामिल किया गया है। 

हरियाणा सरकार इन फलों के बाग लगाने पर किसानों को 50 फ़ीसदी तक का अनुदान देगी। वहीं हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ सुमिता मिश्रा ने बताया कि सरकार द्वारा ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ाने के लिए विशेष अनुदान योजना लागू की गई है। ड्रैगन फ्रूट की बाजार में काफी मांग है। जिससे किसान इस फल की खेती करके अच्छा मुनाफा ले सकते हैं।

ड्रैगन फ्रूट की खेती पर किसानों को मिलेगा कितना अनुदान Subsidy

हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ सुमिता मिश्रा ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट के बाग के लिए 1,20,000 रूपए प्रति एकड़ के अनुदान का प्रावधान है। जिसमें पौधा रोपण के लिए 50,000 रूपए एवं ट्रैलिसिंग सिस्टम (जाल प्रणाली) के लिए 70,000 रूपए प्रति एकड़ है। पौधा रोपण के लिए 50,000 रुपये का अनुदान तीन किस्तों में प्रथम वर्ष 30,000 रूपए, दूसरे वर्ष 10,000 रूपए व तीसरे वर्ष 10,000 रूपए दिये जाएंगे।

अधिकतम 10 एकड़ तक मिलेगी अनुदान

इस योजना के तहत एक किसान अधिकतम 10 एकड़ तक अनुदान की सुविधा का लाभ ले सकता है। अनुदान प्राप्त करने के लिए किसान का ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा‘ पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य है।अनुदान ‘पहले आओ-पहले पाओ‘ के आधार पर दिया जाएगा। किसान बागवानी विभाग की वेबसाइट http://hortnet.gov.in पर जाकर आवदेन कर योजना का लाभ ले सकते हैं।

किसान योजना से जुड़ी अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए टोल फ़्री नम्बर 1800-180-2021 पर कॉल कर सकते हैं। या किसान अपने ज़िले के ज़िला उद्यान अधिकारी से सम्पर्क कर सकते हैं। किसान अधिक से अधिक विभिन्न फलों के बाग लगाकर अच्छा मुनाफा ले सकते है। बागों की स्थापना से जहां पानी की बचत है, वहीं फलों के बाग किसानों की आय में इजाफा करने में सहायक है।

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