नारी शक्ति

नारी शक्ति ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि औरतें कमजोर नहीं होती.भारत देश में नारियों को देवी के जैसा पूजा जाता है लेकिन यहां ऐसे भी जगह है जहां आज भी बेटियों को कोख में मार दिया जाता है. बेटियों को कोख में मारने वाले राज्यों में मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश बिहार राजस्थान हरियाणा यह सभी स्टेट काफी आगे हैं. लिंगानुपात देखा जाए तो इन स्टेट में आज भी स्त्री और पुरुषों के लिंग अनुपात में एक भारी अंतर देखने को मिल जाता है.

बेटियों को कोख में मारने की बड़ी वजह क्या है या तो आज तक किसी के सामने नहीं आई लेकिन बेटे की चाह में बेटियों को कोख में मारने वाले लोगों की आज भी कमी नहीं है. आज भी समाज में ऐसे लोग मिल ही जाएंगे जो बेटियों को कोख में मारने से जरा भी नहीं कतराते.

नारी शक्ति
नारी शक्ति

भ्रूण लिंग जांच और बेटियों को कोख में मारने वाले गिरोहों के चक्रव्यूह को जिले की महिलाएं ही भेदने का हौंसला दिखा रही हैं. गर्भ में भ्रूण लिंग जांच करने वाले गिरोहों की सूचना स्वास्थ्य विभाग को देने वाले जिन चार मुखबिरों को एक-एक लाख रुपये देकर सम्मानित किया गया है ये चारों की चार महिलाएं हैं. धर्मनगरी की भूमि पर इस घिनौने अपराध को खत्म करने के लिए महिलाएं ही स्वास्थ्य विभाग का अबोध अस्त्र बन रही हैं.इन मुखबिरों की बदौलत ही पुलिस छापेमारी करके चार गिरोह के 12 आरोपितों को पकड़कर सलाखों के पीछे पहुंचा पाई है.

9th place in the district in sex ratio

रोहतक 952

सिरसा 925

नूंह 925

जींद 923

चरखी दादरी 922

पंचकुला 921

हिसार 920

पानीपत 918

कुरुक्षेत्र 916

वर्ष लिंगानुपात

2013 887

2014 869

2015 860

2016 859

2017 924

2018 924

2019 928

2020 938

नारी शक्ति से जुडी इन महिलाओ की वजह से इस वर्ष हो पायी पांच बड़ी छापेमारी,12 आरोपित पकड़े-

जिले में इस वर्ष जनवरी से लेकर पांच छापेमारी की गई.इनमें से चार बड़ी छापेमारी साबित हुई. इन चार मामलों में स्वास्थ्य विभाग ने पुलिस के साथ मिलकर 12 आरोपितों को मौके पर ही काबू किया था.इन मामलों में अभी पुलिस की जांच चल रही है और मामला न्यायालय में विचाराधीन भी है.जबकि अप्रैल 2016 से अब तक 45 छापेमारी की गई, जिनमें से 18 एमटीपी एक्ट के तहत मामले दर्ज किए गए, जबकि पीएनडीटी एक्ट के तहत 23 मामले दर्ज किए गए. जिला स्वास्थ्य विभाग ने सात छापेमारी उत्तर प्रदेश और पंजाब के क्षेत्रों में की गई. इन मामलों में विभाग ने 153 लोगों को सलाखों के पीछे पहुंचाया.

सूचक की वजह से ऐसे लोगों को पकड़ा जा सकता-

पीएनडीटी के नोडल अधिकारी डा. आरके सहाय ने कहा कि सूचक की वजह से ही ऐसे लोगों को पकड़ा जा सकता है जो गर्भ में भ्रूण लिंग जांच जैसा घिनौना काम कर रहे हैं.उन्होंने सूचना देने वाली चारों महिलाओं को महिलाशक्ति की मिसाल कहा.

उन्होंने कहा कि इस नारी शक्ति की महत्वपूर्ण सूचना की वजह से ही प्रदेश भर में चार बड़ी छापेमारी को अंजाम दिया गया, जिनमें मौके पर 12 लोगों को पकड़ा जा सका है. लोगों से यही अपील है कि वे आगे आकर ऐसी सूचना स्वास्थ्य विभाग तक पहुंचाएं. सूचना देने वाले लोगों की पहचान बिल्कुल गुप्त रखी जाती है। साथ ही एक लाख रुपये देकर सम्मानित किया जाता है.

नारी शक्ति
नारी शक्ति

बता दें कि सरकार के तरफ से बेटियों को कोख में मारने वाले लोगों को कड़ी दंड देने का प्रावधान है. इसका खुलासा करने वाले लोगों को सरकार सम्मानित भी करती है और सबसे बड़ी बात यह है कि उनका नाम गुप्त रखा जाता है. आज के समय में सरकार भ्रूण हत्या रोकने के लिए कई तरह के नए कानून लाई है. इसके बावजूद भी भ्रूण हत्या का मामला लगातार बढ़ते जा रहा है.

सरकार ने सभी सरकारी डॉक्टरों को यह आदेश दिया है कि वह हर लिंग जांच को बढ़ावा ना दें. आपको बता दें कि अभी भी भारत में कई ऐसे क्लीनिक मिल जाएंगे जहां ऐसे कामों को तेजी से बढ़ावा दिया जा रहा है और मनमाने पैसे वसूल कर डॉक्टर भ्रूण हत्या जैसे मामलों को बढ़ावा देते हैं. लेकिन सोचने वाली बात है जिस देश में लड़कियों को देवी माना जाता है वहीं पर इतनी तेजी से भ्रूण हत्या का मामला बढ़ रहा है.